हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित परंपरा "बिहार उल अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الجواد علیه السلام:
مَنِ استَحسَنَ قَبيحا كانَ شَريكا فيهِ
इमाम मुहम्मद तकी (अ) ने फ़रमाया:
जो कोई बुरे काम को अच्छा समझता है, वह भी मानो उस बुरे काम में भागीदार है।
बिहार उल-अनवार, भाग 75, पेज 82
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